Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi – लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय (जीवनी) – लाल बहादुर शाश्त्री का जीवनी, जयंती, मृत्यु, निधन, भारत के दुसरे प्रधानमंत्री, शास्त्री जयंती व लाल बहादुर शास्त्री दिवस, निबंध, विकिपीडिया, परिवार, पत्नी, बच्चे, जाती, धर्म, उम्र, मृत्यु, निधन (Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi, Jyanti, Lal Bahadur Shastri Wikipedia, Death, Age, Lal Bahadur Shastri Photo, Prime Minister, All Full Details of Lal Bahadur Shastri) हम अपने इस लेख में माननीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन परिचय के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से समझने वाले हैं। अगर आप भी भारत के दुसरे प्रधानमंत्री माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में जानेंगे। यह अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो इसके लिए भी यह लेख उपयोगी होने वाला हैं। इस आर्टिकल में हम तास्कंद समझौता जो पाक और इंडिया के बिच समझौता हुआ था इसे भी समझने वाले हैं। अगर आप उत्सुक है Lal Bahadur Shastri जी के जीवन परिचय जीवनी जानने के लिए तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।
Lal Bahadur Shastri Biography In Hindi
लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दुसरे प्रधानमंत्री थे। उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के आकस्मिक निधन होने के बाद सपथ ली थी। उन्होंने 9 जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966, अपनी मृत्यु तक लगभग आठारह महीने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला था।
उन्होंने वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के माध्यम से देश का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था। एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए स्तंभों के रूप में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को पहचानते हुए उन्होंने ”जय जवान जय किसान” के नारे को लोकप्रिय बनाया।
वह असाधारण इच्छा शक्ति के व्यक्ति के छोटे से कमजोर कद और मृदुभाषी तरीके में विस्वाश रखते थे। एक राजनितिक नेता होने के बाद भी वह बड़े-बड़े भाषणों के बजाय वह अपने काम से याद किया जाना चाहते थे।
लाल बहादुर शास्त्री का जीवनी
नाम (Name) | लाल बहादुर शास्त्री |
असली नाम (Original Name) | लाल बहादुर श्रीवास्तव |
निक नाम (Nick Name) | शांति दूत, शास्त्री, नन्हे |
उपाधि (Honor) | शास्त्री |
जन्म तारीख (Birth Date) | 2 अक्टूबर 1904 |
जन्म स्थल (Place of Birth) | मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
उम्र (Age) | 61 वर्ष (मृत्यु के समय) |
मृत्यु की तारीख (Date of Death) | 11 जनवरी 1966 |
मृत्यु का स्थान (Place of Death)एक अन्य स्रोत | ताशकंद (वर्तमान में उज्बेकिस्तान में) |
मृत्यु होने का कारन (Death Cause) | एक अन्य स्रोत के अनुसार – उनकी मृत्यु के पीछे षड्यंत्र रचा गया था। विभिन्न स्रोतों के अनुसार – दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु |
समाधी स्थल (Memorial Tomb) | विजय घाट, नई दिल्ली |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
गृह नगर (Home Town) | मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा (Education) | कला में स्नातक की डिग्री |
स्कूल (School) | श्री हरीश चन्द्र इंटरमीडिएट कॉलेज |
कॉलेज (College) | महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी |
कद (Height) | 5 फिट 1 इंच |
राशी (Zodiac Sign) | तुला |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाती (Caste) | कायस्थ |
आँखों का रंग (Eye Color) | काला |
बालो का रंग (Hair Color) | धूसर |
व्यवसाय (Professions) | शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्त्ता, राजनितिज्ञ |
राजनितिक दल (Political Party) | भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
विवाह की तारीख (Marriage Date) | 16 मई 1928 |
इनकी पत्नी का नाम (Wife Name) | ललिता देवी |
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श्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय
श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मिल दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। जब लाल बहादुर शास्त्री केवल ढाई वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का देहांत हो गया था। उनकी माँ आने तीनो बच्चो के साथ पिता के घर जाकर बस गयी।
उस छोटे से शहर में लाल बहादुर शास्त्री की स्कूली शिक्षा कुछ ख़ास नही रही लकिन गरीबी की मार पड़ने के बावजूद उनका बचपन पर्याप्त रूप में खुशहाल बिता। उन्हें वाराणसी में चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था। ताकि वे उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त कर सकें। घर पर सब उन्हें नन्हे के नाम से पुकारते थे। वे कई मिल की दुरी पर नंगे पाँव से ही तय कर विद्यालय जाते थे, यहाँ तक की भीषण गर्मी में जब सड़के अत्यधिक गर्म हुवा करती थे तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था।
बड़े होने के साथ ही लाल बहादुर शास्त्री विदेशी दासता से आजादी के लिए देश के संघर्ष में अधिक रूचि रखने लगें। वे भारत में ब्रिटिश साशन का समर्थन कर रहे भारतीय राजाओं की महात्मा गाँधी के द्वारा की गयी निंदा से अत्यंत प्रभावित हुए। श्री लाल बहादुर शास्त्री जन केवल ग्यारह बर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रिय स्तर पर कुछ करने का मैन बना लिया था।
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन (Lal Bahadur Shastri Birthday & Early Life)
लाल बहादुर शास्त्री का नाम 2 अक्टूबर 1904 को लाल बहादुर श्रीवास्तव के रूप में संयुक्त प्रांत (आधुनिक उत्तर प्रदेश) के मुगलसराय में रामदुलारी देवी और शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के धर में हुआ था। शास्त्री जी अपने माता-पिता की दूसरी संतान और सबसे बड़े पुत्र थे। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। जिन्हें सभी लोग मुंशी जी के नाम से बुलाते थे। कुछ समय के बाद उनके पिता राजस्व विभाग में लिपिक यानी क्लर्क की नौकरी करने लग गए थे।
इनकी माँ रामदुलारी देवी, मुंशी हजारी लाल की बेटी थी, जो मुगलसराय के एक रेलवे स्कूल में प्रधानाध्यापक और अंग्रेजी शिक्षक थे। अपने परिवार में सबसे छोटा बच्चा होने के कारन इनकी माँ इन्हें बचपन में नन्हे कहकर बुलाया करती थी। जब लाल बहादुर शास्त्री मुस्किल से दो साल के थे तब इनके पिता शारदा प्रसाद बूबोनिक प्लेग की महामारी में मृत्यु हो गयी। इनकी माँ रामदुलारी देवी तब केवल 23 वर्ष की थी और अपने तीसरे बच्चे के साथ गर्ववती थी। अपने दो बच्चो को ले गयी और रामनगर से मुगलसराय में अपने पिता के घर चली गयी और हमेशा के लिए वहा बश गयी।
उन्होंने जुलाई 1906 में एक बेटी, सुंदरी देवी को जन्म दिया। इस प्रकार शास्त्री और उनकी बहने अपने नाना हजारी लालजी के घर में पली बढ़ी। हालाकिं इनके नाना हजारी लालजी की खुद एक स्ट्रोक से मृत्यु हो गयी 1908 के मध्य में, जिसके बाद परिवार की देखभाल उनके भाई (शास्त्री के चाचा) दरबारी लाल ने की, जो गाजीपुर में अफीम विनिमयन विभाग में प्रधान लिपिक थे।
लाल बहादुर शास्त्री का बचपन की कहानी (Lal Bahadur Shastri Childhood Story in Hindi)
लाल बहादुर शास्त्री के बचपन को लेकर एक बहुत प्रसिद्ध घटना हैं। एक दिन, स्कूल से लौटते समय, लाल बहादुर और उनके दोस्त घर के रास्ते में एक बाग़ में गए। लाल बहादुर शास्त्री निचे खड़े थे, जबकि उनके दोस्त आम तोड़ने के लिए पेड़ो पर चढ़ गए। इसी बिच माली ने आकर लाल बहादुर शास्त्री को पकड़ लिया।
उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री को डाटा और उनकी पिटाई शुरू कर दी। लाल बहादुर शास्त्री ने माली से यह कहते हुए छोड़ने की गुहार लगुई की वह आनाथ हैं। लाल बहादुर जी पर दया करते हुए माली ने कहा ”चुकी आप एक अनाथ हैं, इसलिए यह अधिक महत्वपूर्ण है की आपको बेहतर व्यवहार शिखना चाहिए” इन सब्दो ने लाल बहादुर शास्त्री पर गहरी छाप छोड़ी और उन्होंने भविष्य में बेहतर व्यवहार करने की सपथ ली।
लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा (Lal Bahadur Shastri Education)
Lal Bahadur Shastri की छोटे से शहर की स्कूली शिक्षा किसी भी तरह से उल्लेखनीय नहीं थी। लेकिन गरीबी के बावजूद उनका बचपन काफी खुशहाल था।
मिर्जापुर में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, लाल बहादुर शास्त्री को वाराणसी भेजा गया, जहा वे अपने मामा के साथ रहे ताकि वह हाईस्कूल जा सकें।
कई मिल पैदल चलकर बिना जूतों के स्कूल जाते थे। यहाँ तक की शास्त्री जी गर्मियों में भी गरम सड़को पर अपने स्कूल बिना चप्पल जूतों के ही जाते थे। अपने नाना के यहाँ रहते हुए उन्होंने अपनी शुरुवाती शिक्षा ग्रहण की।
उसके बाद की शिक्षा उन्होंने हरिश्चंद्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ से प्राप्त की। काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि इनको मिली। उपाधि मिलने के बाद उन्होंने अपने नाम के साथ जुड़ा हुआ श्रीवास्तव शब्द हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के साथ आगे ”शास्त्री” लगा लिए। इसके बाद अपनी मृत्यु तक वह शास्त्री शब्द के साथ ही जाने गए।
हालाकि अपने स्कूली शिक्षा के समय ही लाल बहादुर जी अपने नाम के आगे से श्रीवास्तव सब्द को हटा दिए थे। ये ऐसा इसलिए की वे जाती को प्रतीत नही करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने नाम के आगे से श्रीवास्तव सब्द को हटा दिया था और जब उन्हें शास्त्री की उपाधि मिली तो उन्होंने अपने नाम के आगे लाल बहादुर शास्त्री का इस्तेमाल करने लग गए थे।
लाल बहादुर शास्त्री की शादी (Lal Bahadur Shastri Marriage, Wife & Children)
16 मई 1928 में लाल बहादुर शास्त्री ने गणेश प्रसाद की सबसे छोटी बेटी ललिता देवी से शादी की वह प्रचलित ”दहेज व्यवस्था” के खिलाफ थे और इसलिए उन्होंने दहेज लेने से इंकार कर दिया था।
हालाकि, अपने ससुर के बार-बार आग्रह करने पर, वह केवल पाच गंज खादी (सुति, आमतौर पर हाथ से बुने हुए) कपड़ें को दहेज के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार हुए।
लाल बहादुर शास्त्री के 6 बच्चे थे जिनमे से चार बेटे हरी कृष्ण शास्त्री, अनिल शास्त्री, सुनील शास्त्री और अशोक शास्त्री थे और दो बेटियाँ थी जिनका नाम कुसुम शास्त्री एवं सुमन शास्त्री था।
लाल बहादुर शास्त्री का परिवार (Lal Bahadur Sastri Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | शारदा प्रसाद श्रीवास्तव (एक स्कूली शिक्षक) |
माता का नाम (Mother’s Name) | रामदुलारी देवी (गृहणी) |
बहन का नाम (Sister’s Name) | कैलाशी देवी, सुंदरी देवी |
पत्नी का नाम (Wife’s Name) | ललिता देवी (1928-1966) |
बच्चो का नाम (Children Name) | बेटे – हरी कृष्ण शास्त्री, अनिल शास्त्री, सुनील शास्त्री, अशोक शास्त्री बेटी – कुसुम शास्त्री, सुमन शास्त्री |
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लाल बहादुर शास्त्री एक जवान सत्याग्रही (Lal Bahadur Shastri Freedom Struggle)
स्वतंत्रता की लड़ाई में शास्त्री जी ने ‘मरो नहीं मारो’ का नारा दिया, जिसने पुरे देश में स्वतंत्रता की ज्वाला को तीव्र कर दिया। वर्ष 1920 में Lal Bahadur Sashtri आजादी की लड़ाई में कूद पड़ें और ‘भारत सेवक संघ’ की सेवा में जुड़ गए। यह एक ‘गाँधी वादी’ नेता थे, जिन्होंने सम्पूर्ण जीवन देश और गरीबो की सेवा में लगा दिया था। Lal Bahadur Shastri जी सभी आन्दोलन एवं कार्यक्रमों में हिस्सा लिया करते थे, जिसके फलस्वरुप कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
इन्होने सक्रीय रूप से वर्ष 1921 में ‘असहयोग आन्दोलन’ 1930 में ‘दांडी-यात्रा’ और वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में आजादी की लड़ाई को भी तीब्र कर दिया दिया। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन कर उसे ”दिल्ली चलो” का नारा दिया और इसी वक्त 8 अगस्त 1942 में गाँधी जी के ‘भारत छोड़ी आन्दोलन’ ने तीव्रता पकड़ ली थी।
इसी दौरान महात्मा गाँधी ने भारतीयों को जगाने के लिए ”करो या मरो” का नारा दिया, परन्तु 9 अगस्त 1942 को शास्त्री जी ने इलाहाबाद में इस नारे में परिवर्तन कर इसे ”मरो नहीं मारो” कर देश वासियों का आवाहन किया। इस आन्दोलन के समय शास्त्री जी ग्यारह दिन भूमिगत रहे, फिर 19 अगस्त 1942 को गिरफ्तार कर लिए गए।
महात्मा गाँधी से प्रभावित होना (1915-1945)
- वर्ष 1915 में, महात्मा गाँधी के एक भाषण ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रीय रूप से भाग लेने का फैसला किया।
- स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रीय रुप से भाग लेने के लिए लाल बहादुर श्रीवास्तव (शास्त्री) ने अपनी पढाई से भी समझौता किया।
- वर्ष 1921 में, असहयोग आन्दोलन के दौरान, लाल बहादुर शास्त्री को निषेधाज्ञा के खिलाफ अवज्ञा का प्रदर्शन करने के लिए उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। चुकी वह तब नाबालिक थे, इसलिए अधिकारियो को उन्हें रिहा करना पड़ा था।
- वर्ष 1930 में लाल बहादुर शास्त्री ने कांग्रेश पार्टी की स्थानीय इकाई के सचिव और बाद में इलाहाबाद कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष नियुक्त हुए। उन्होंने महात्मा गाँधी के नमक सत्याग्रह के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
- उन्होंने डोर-टू-डोर अभियान का नेतृत्व किया, जिसमे लोगो से अंग्रेजों को भू-राजस्व और करो का भुगतान न करने का भी आग्रह किया गया।
- लाल बहादुर शास्त्री उन प्रमुख कांग्रेसी नेताओं में से थे जिन्हें वर्ष 1942 में ब्रिटिश सरकार ने जेल में डाल दिया था।
- कारावास में लम्बे समय के दौरान, शास्त्री ने समय का उपयोग समाज सुधारकों और पश्चमी दार्शनिकों को पढ़ने में किया। वर्ष 1937 में, वे यूपी विधानसभा के लिए चुने गए।
लाल बहादुर शास्त्री का जीवनी स्वतंत्र भारत के नेता (Lal Bahadur Shastri Political Career)
Lal Bahadur Shastri Biography In Hindi – स्वतंत्र भारत में यह उत्तर प्रदेश की संसद के सचिव नियुक्त किये गए। गोविन्द वल्लभ पन्त के मंत्रिमंडल की छाया में इन्हें पुलिस एवं परिवहन का कार्यभार दिया गया। इस दौरान शास्त्री जी ने पहली महिला को कंडक्टर नियुक्त किया और पुलिस विभाग में उन्होंने लाठी के बजाय पानी की बौछार से भीड़ (Crowed) को नियंत्रित करने का नियम भी बनाया।
वर्ष 1951 में शास्त्री जी को ‘अखिल भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस’ का महा सचिव बनाया गया। लाल बहादुर शास्त्री हमेसा पार्टी के प्रति समर्पित रहते थे। उन्होंने 1952, 1957, 1962 के चुनाव में पार्टी के लिए बहुत काम कर प्रचार-प्रसार किया, और कांग्रेस को भारी बहुमत से बिजयी बनाया।
शास्त्री जी की काबिलियत को देखते हुए, इन्हें जवाहर लाल नेहरु की आकस्मिक मौत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री जी को नियुक्त किया गया। इस प्रकार भारत को दुसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री जी मिलें। लेकिन इनका कार्यकाल काफी कठिन था। पूंजीपति देश एवं सत्रु-देश ने इनका शासन बहुत ही चुनौतीपूर्ण बना दिया था।
Lal Bahadur Shastri Political Career
आचानक ही 1965 में सायं 7:30 बजे पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमला कर दिया।इस परिस्थिति में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने बैठक बुलवाई। इस बैठक में तीनो रक्षा विभाग के प्रमुख एवं शास्त्री जी भी इसमें सामिल हुए। विचार विमर्श के दौरान प्रमुखों ने लाल बहादुर शास्त्री को सारी स्थिति से अवगत कराया और आदेश की प्रतीक्षा की, तब ही शास्त्री जी ने जवाब में कहा ”आप देश की रक्षा कीजिये और मुझे बताइए की हमें क्या करना हैं?”
इस तरह भारत-पाक युद्ध के दौरान विकट परिस्थितियों में शास्त्री जी ने सराहनीय नेतृत्व किया और ”जय जवान जय किसान” का नारा दिया, जिससे देश में एकता आई और भारत ने पाक को हरा दिया, जिसकी कल्पना पाकिस्तान ने नहीं की थी, क्यूंकि तिन वर्ष पहले चीन ने भारत को युद्ध में हराया था।
लाल बहादुर शास्त्री ने अपना कौशल दिखाते हुए यह स्पस्ट कर दिया की भारत बैठकर नही देखेगा। सुरक्षा बलों को जवाबी कार्यवाही करने की छुट देते हुए उन्होंने कहा ”बल से बल का सामना किया जायेगा” ।
भारत-पाक युद्ध 23 सितम्बर 1965 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा युद्धविराम की मांग का प्रस्ताव पारित करने के बाद समाप्त हुआ। रुसी प्रधानमंत्री, कोशियन ने मध्यस्थता की पेशकश की और 10 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री और उनके पाकिस्तानी समकक्ष अयूब खान ने ताशकंद घोषणा पर हस्ताक्षर किये।
लाल बहादुर शास्त्री की मौत का राज क्या हैं?
Lal Bahadur Shastri Death
रूस और अमेरिका के दबाव पर शास्त्री जी शान्ति-समझौते पर हस्ताक्षर करने हेतु पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से रूस की राजधानी ताशकंद में मिलें। कहा जाता है, उन पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाए गए। समझौते की रात को ही 11 जनवरी 1966 को उनकी रहस्यपूर्ण तरीके से मृत्यु हो गयी। उसी वक्त के अनुसार शास्त्री जी को दिल का दौरा पड़ा था, पर कहते है की इनका पोस्टमार्टम नही किया गया था, क्यूंकि उन्हें जहर दिया गया था, जो की यह एक सोजी समझी साजिश थी।
क्यूंकि ताशकंद समझौता पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद शास्त्री जी की मृत्यु हो जाती हैं। और उनके बॉडी को उनके परिजनों से भी मिलने नही दिया जाता हैं। यह रहस्य आज भी ताशकंद की आबो-हवा में दबा एक राज हैं, इस तरह 18 महीने ही लाल बहादुर शास्त्री ने भारत की कमान संभाली। इनकी मृत्यु के बाद पुन: गुलजारी लाल नंदा को कार्यकालीन प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इनकी अंत्येष्टि यमुना नदी के किनारे की गयी एवं उस स्थान को ‘विजय-घाट’ का नाम दिया गया।
लाल बहादुर शास्त्री की मौत का रहस्य (Mystery Surrounding Shastri’s Death)
पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु ने कई संदेह पैदा किये। उनकी पत्नी ललिता देवी ने आरोप लगाया की शास्त्री को जहर दिया गया था और प्रधानमंत्री की सेवा करने वाले रुसी बटलर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया क्यूंकि डॉक्टरों ने प्रमाणित किया की शास्त्री की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। मीडिया ने शास्त्री की मौत में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया संस्था CIA का हाथ होने का दावा किया था।
1978 में ‘ललिता के आंसू’ नामक पुस्तक में इनकी पत्नी ने शास्त्री जी की मृत्यु की कथा कही। कुलदीप नैयर जो की शास्त्री जी के साथ ताशकंद गए थे। उन्होंने भी कई तथ्य उजागर किये परन्तु कोई उचित परिणाम नही निकलें। 2012 में इनके पुत्र सुनील शास्त्री ने भी न्याय की मांग की पर कुछ न हो सका।
लाल बहादुर शास्त्री जयंती व लाल बहादुर शास्त्री स्मृति दिवस
भारत में लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिवस पर 2 अक्टूबर का दिन शास्त्री जयंती के रूप में मनाया जाता है एवं 11 जनवरी का दिन उनके निधन के कारन लाल बहादुर शास्त्री स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
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FAQ’s Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi
Q: लाल बहादुर शास्त्री जी के बचपन का नाम क्या था?
Ans : लाल बहादुर वर्मा
Q: लाल बहादुर शास्त्री जी कौन थे?
Ans : यह भारत के दुसरे प्रधानमंत्री थे।
Q : लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कब और कहा हुआ था?
Ans : 2 अक्टूबर 1909 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मुगलसराय छेत्र में हुआ था।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश के लिए क्या योगदान दिए?
Ans : आजादी में लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और किसानो के हित के लिए कार्य किये।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जब देश के प्रधानमंत्री थे तब उनके मंत्रिमंडल में इंदिरा गाँधी किस पद पर कार्यरत थी?
Ans : सुचना एवं प्रसारण मंत्री
Q : लाल बहादुर शास्त्री किस पार्टी से संबंध रखते थे?
Ans : भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी से।
Q- लाल बहादुर शास्त्री किस जाती के थे?
Ans- कायस्थ
Q- लाल बहादुर शास्त्री जी का उपनाम क्या था?
Ans- वर्मा बाद में उन्हें शास्त्री की उपाधि मिली।
Q- भारत के दुसरे प्रधानमंत्री कौन थे?
Ans – भारत के दुसरे प्रधानमंत्री का नाम लाल बहादुर शास्त्री हैं।
Q- लाल बहादुर शास्त्री के माता-पिता का क्या नाम था?
Ans– लाल बहादुर शास्त्री के पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव व माँ का नाम रामदुलारी देवी था।
Q- लाल बहादुर शास्त्री क्यों प्रसिद्ध हैं?
Ans- भारत के दुसरे प्रधानमंत्री होने के नाते लाल बहादुर शास्त्री प्रसिद्ध हैं।
Q- लाल बहादुर शास्त्री का धर्म कौन सा हैं?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री हिन्दू धर्म से तालुक रखते थे।
Q- लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम क्या था?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था।
Q- लाल बहादुर शास्त्री ने कौन सा नारा दिया था?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिए थे।
Q- लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु कहा हुई?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु ताशकंद (वर्तमान में उज्बेकिस्तान में) हुई।
Q- लाल बहादुर शास्त्री की हत्या कैसे हुई?
Ans- डॉक्टरों ने प्रमाणित किया की शास्त्री जी की हत्या कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। मीडिया ने शास्त्री की मौत में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया संस्था CIA का हाथ होने का दावा किया था।
Q- लाल बहादुर शास्त्री जी को हमारे देश के गृह मंत्री कब नियुक्त किया गया था?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री जी को हमारे देश का गृह मंत्री वर्ष 1961 में नियुक्त किया गया था।
Q- लाल बहादुर शास्त्री जी की क्या हत्या हुई थी?
Ans- लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु का कारन अभी तक राज बना हुआ हैं।
निष्कर्ष
आशा करते हैं की मेरे द्वारा बताया गया Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi (लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय) आपको पसंद आया होगा तथा हमने इस लेख में Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi से सम्बंधित सभी जानकारी पुरे विस्तार से बताया हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो इसे और भी लोगो के साथ जरुर शेयर करें ताकि सभी को लाल बहादुर शास्त्री का जीवनी का पता चल पाए। Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi
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