Nambi Narayanan Biography in Hindi 2022 – ISRO वैज्ञानिक नंबी नारायणन का जीवन परिचय – इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन सर के जीवन परिचय के बारे में हम सभी इस लेख में जानेंगे Nambi Narayanan Sir का जन्म कब हुआ तथा परिवार, पत्नी, नासा, केस, जासूसी का आरोप व सर के ऊपर बनी Rocketry The Nambi Effect Film जो बायोपिक फिल्म है इस पर भी चर्चा करेंगे। अगर आप नम्बी नारायणन सर के बारे में सभी जानकारी विस्तार से जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें। ISRO Scientist Nambi Narayanan Biography in Hindi [Birth Date, Age, Place, Family, NASA, Case Awards, Controversy, Biographical Movie – Rocketry The Nimbi Effect Film]
ISRO Scientist Nambi Narayanan Biography In Hindi
भारत के एक मशहुर स्पेस रॉकेट वैज्ञानिक एस. नंबी नारायणन जिन्होंने पुरे जीवन को देशभक्ति में समर्पित कर दिया। आज हम नंबी नारायणन के जीवन परिचय व इनके जीवन इतिहास के बारे में जानने वाले हैं। उनके बारे में यह कहा जाता है की उन्होंने भारत में हाल की में हुए मंगल मिशन को आज से 20 साल पहले ही पूरा कर दिया होता अगर उनके साथ वो एक हादसा न हुआ रहता तो जिसमे सर के ऊपर जासूसी के आरोप लगाये गए थे और उन्हें देशद्रोही कहा गया था। हमारे इस लेख के माध्यम से आपको उन्हें के बारे में व उनके जीवन परिचय के बारे में बाताया जा रहा है, जिससे आपको उनके जीवन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो पाए।
ISRO Scientist Nambi Narayanan Biography In Hindi – Introduction
पूरा नाम | नंबी एस नारायणन |
जन्म दिन (Birthday) | 12 दिसंबर 1941 |
जन्म स्थान (Birth Place) | नागरोकोइल |
उम्र (Age) | 79 |
भारत में घर (Hometown) | नागरोकोइल |
व्यवसाय (Profession) | भारत में एक महान वैज्ञानिक |
अन्य नाम (Other Name) | नंबी |
वर्तमान में काम (Present Work) | सेवानिवृत |
नेटवर्थ (Networth) | 1.3 करोड़ |
बुक (Book) | Ormakalude Bhramanapadham (2017) Ready to Fire : How India and I Survived the ISRO Spy Case (2018) |
Joined ISRO | 1966 |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में क्या थे? | ISRO के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में, वह क्रायोजेनिक डिवीज़न के प्रभारी थे। |
Nambi Narayanan Biography – जन्म, उम्र एवं परिचय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO में एक वरिष्ठ अधिकारि के रूप में चयनित थे हमारे नंबी नारायणन सर जिनके बारे में सभी जानकारी जान रहे हैं। नंबी नारायणन सर का जन्म केरल राज्य के एक गाँव में नागारोकोइल में हुआ हैं। भारत में ये एक सैटेलाइट वैज्ञानिक के रूप में जाने जाते हैं। नंबी नारायणन इसरो में क्रायोजेनिक डिवीज़न अधिकारिक के पद पर कार्यरत थे। इसी समय उन पर यानी 1997 इसबी में भारत की जासूसी करने के आरोप लगे थे। परन्तु कोर्ट ने 1998 में उन पर लगे सभी आरोपों को निराधार बता कर खारिज कर दिया था। आइये जानते है नंबी नारायणन के जीवन परिचय के बारे में।
नम्बी नारायणन के पारिवारिक जीवन परिचय
नंबी नारायणन केरल राज्य के छोटे से गाँव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे एस नंबी नारायणन बचपन से ही काफी होसियार थे। इनके माता-पिता का नाम हमें ज्ञात नही परन्तु उनकी पत्नी का नाम मीणा नारायणन तथा उनके बेटे का नाम संकरा कुमार नारायणन जो की ये एक बिज़नस मैं हैं। उनकी बेटी का नाम गीता अरुणन हैं, जो बेंगलुरु में मोंटेसरी टीचर के रूप में कार्य करती हैं।
नंबी नारायणन की शिक्षा (Nambi Narayanan Education)
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे एस नंबी नारायणन बचपन से काफी होसियार थे। उन्होंने अपनी पढाई का सफ़र में उन्होंने एम.टेक कर रखा हैं, उन्होंने अपनी इस डिग्री को तिरुवनंतपुरम के एक कॉलेज से की हैं। बचपन से ही काम करने के सौकीन भारत में एक बड़े देशभक्त के रूप भी पहचाने जाते हैं।
हाल ही में बनी उन पर एक मूवी जिसका नाम Rocketry The Nimbi Effect Film जिसे बड़े पर्दे पर रिलीज़ कर दिया गया हैं। इस रॉकेट्री मूवी की माने तो उनको अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) से भी ऑफर मिला था। रॉकेट्री मूवी में यह भी बताया गया है की उन पर जो भी आरोप लगे थे व आरोप उनको बर्बाद करने के लिए लगाये गए थे। क्यूंकि वे भारत के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिस कर रहे थे। अगर सर के ऊपर ये सब आरोप न लगा रहता तो आज भारत कहा रहता।
नंबी नारायणन का प्रोफेशनल सफर (Nambi Narayanan ISRO)
नंबी नारायणन का ISRO के साथ सफर की शुरुवात – भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायणन के पहली बार 1966 में इसरो के अध्यक्ष विक्रम साराभाई से मुलाकात थिम्बा इक्केटोरियल रॉकेट लौन्चिंग स्टेशन थुम्बा, तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उन्हें पहली बार इसरो में एक पेलोड इंटीग्रेटर के रूप में काम करने का अवसर प्रदान किया गया था। जब उन्होंने अपने एम.टेक की डिग्री पूर्ण किया।
वह इसरो के अध्यक्ष साराभाई ने नाम भी नारायणन की उच्च शिक्षा पूर्ण करने के लिए उन्हें छोड़ दिया था। फिर उन्होंने नासा फेलोशिप अर्जित की और 1969 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। क्या उन्होंने 10 महीने रिकॉर्ड में प्रोफ़ेसर लुईगी क्रोको के तहत रासायनिक रॉकेट प्रणोदन मे अपने मास्टर की डिग्री पूर्ण किये। उन्हें अमेरिका में नौकरी मिलने के बावजूद उन्होंने अपने देश भारत आने का रुख किया।
नंबी नारायणन को मिला था NASA में बड़ा ऑफर (Nambi Narayanan NASA)
दोस्तों, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) से भी नंबी नारायणन जी को ऑफर दिया गया था की वे उनके लिए काम करें। अमेरिका के लिए काम करने के लिए वे कुछ हद तक राजी भी हो गए थे। लेकिन फिर कुछ कारणों की वजह से वे इसके साथ यानी NASA के साथ नही जुड़ने का निर्णय किये।
नंबी नारायणन जी को मिला अवार्ड (Nambi Narayanan Award)
ISRO Scientist Nambi Narayanan Biography in Hindi – नंबी नारायणन सर को उनके द्वारा की गयी रिसर्च के चलते भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण पुरष्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं। यह उनके लिए व पुरे भारतवासियों के लिए काफी बड़ी गर्व की बात हैं।
नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित बायोपिक फिल्म (Biographical Movie and Story)
हाल हे में इन पर बनी एक मूवी जिसका ट्रेलर व पूरी फिल्म रिलीज़ कर दी गयी हैं, जिसमे यह बताया गया है की उनको अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा से भी उनको ऑफर दिया गया था की वे उनके लिए काम करें। अमेरिका में काम करने के लिए वे कुछ हद तक राजी भी हो गए थे, लेकिन इस मूवी में रोल निभाने वाले आर. माधवन के द्वारा उनकी पत्नी से कहते दिख रहे है की ”जितने उनके अब्बू 1 साल में कमाते है उतना वे एक महीने में कमाएँगे” इस बात तो यह साफ़ जाहिर होता है की उनको नासा से भी ऑफर मिला था, हालाकि उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।
नंबी नारायण के ऊपर लगे जासूसी के आरोप
वर्ष 1994 में नंबी नारायणन पर दो कथित मालदीव ख़ुफ़िया अधिकारीयों के द्वारा जिसमे सामिल थे मरियम रसीद और फौजिया हसन जिन्होंने यह आरोप लगाया की महत्वपूर्ण रक्षा जानकारियों की सुचना जिस में सामिल अत्यधिक गोपनीय ”उड़ान परिक्षण डाटा” से संबंधित लाखों लोगो के साथ दो भारतीय वैज्ञानिकों के आरोप लगा था। जिसमे नंबी नारायणन के साथ दूसरा डी. ससिकुमारन थे। उसके बाद नंबी नारायणन को कई मानशिक यातनाये भी दी गयी थी।
Nambi Narayanan Biography In Hindi – उनके ऊपर वर्ष 1994 में लगाये गए आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद केन्द्रीय अन्वेषण बुयोरो यानी सीबीआई ने उनके खिलाफ 1998 में सभी आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिए थे। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1998 में दोषमुक्त कर दिया गया था।
उसके बाद वर्ष 2018 में दीपक मिश्रा की पीठ के मध्यम से सुप्रिम कोर्ट ने नंबी नारायण को 8 सप्ताह के अद्नर केरल सरकार के तरफ से 5000000 मुवावजा दिए जाने का निर्देश दिया गया। वही सर्वोच्च न्यायालय ने सेवानिवृत सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश वीके जैन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी। जिसमे Nambi Narayanan की गिरफ्तारी करने वाले पुलिस अधिकारीयों की भूमिका के सम्बंधित जानकारी के लिए पूछताछ किया जाए।
नंबी नारायणन को टॉर्चर करना
नारायणन जी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और मामला इंटेलीजेंस बुयरो को ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्हें 50 दिनों तक हिरासत में रखा गया था। हिरासत में रहते हुए, उन्हें आईबी अधिकारियो के द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्हें लगभग 30 घंटे तक खड़ा रखा गया जब तक की वह गिर नही गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हालाकि, जाँच के दौरान, नंबी नारायणन के घर की तलाशी ली गयी और कुछ भी असामान्य नहीं था और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप के संकेत नही मिले। मामला 1994 में शुरू हुआ था और इसके बाद में 1996 में उन पर लगे सभी आरोपों को अप्रैल 1966 में केन्द्रीय जाँच बुयरो (CBI) ने ख़ारिज कर दिया था। वर्ष 1998 में भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने उन्हें दोषी नही घोषित किया।
बर्ष 2018 के अंत में, भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने दीपक मिश्रा की पीठ में, नारायणन को 5,000,000 (लगभग US$ 70,000) मुवावजे के रूप में प्रदान किया, जिसे आठ सप्ताह के भीतर केरल सरकार से वसूल किया जाना था।
नंबी नारायणन के जीवन परिचय – सरकारी मुवावजा
केरल के सरकार ने एस नंबी नारायणन को जाँच और मामले की प्रक्रिया के दौरान सहने वाली ”मानसिक क्रूरता” के लिए 1.3 करोड़ रुपये यानी US$ 183,000 का मुवावजा देने का फैसला किया। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायलय ने सुप्रिक कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश डीके जैन की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की, जिसने नम्बी नारायणन की गिरफ्तारी में केरल पुलिस के अधिकारीयों की भूमिका की जाँच की।
नंबी नारायणन आरोप में निर्दोष साबित हुए (Nambi Narayanan Case)
नंबी नारायणन पर जो भी आरोप लगे थे वे CBI की जाँच में झूठ पाए गए थे। सीबीआई ने अपनी जाँच में बताया था की भारत की स्पेस एजेंसी के प्रोग्रामों को नस्ट करने के लिए उन्हें झूठे आरोपों में फसाया गया था। कुछ जानकारों की माने तो यह भी कहा जा सकता है की उन्होंने उनका ऑफर लेने से इनकार कर दिया था जिस के बाद अमेरिका के इशारों पर उन्हें तत्कालीन सरकार के द्वारा फसाया गया था। यह पूरा काम भारत के स्पेस सैटेलाइट को खत्म करने का था। अमेरिका को इस बात का दर था की कही भारत स्पेस के छेत्र में आत्मनिर्भर न बन जाए। जिस वजह से उन पर यह झूठी आरोप लगाये गए थे।
कहते है की सत्ता की ताकत कुछ भी कर सकता हैं, फिर चाहे देश को बर्बाद करना हो या बनाना हो। ऐसे में सत्ता के सत्ताधारियों ने ही उनको गलत आरोपों में फसाया हुआ था। वर्ष 1996 में केरल की कोर्ट ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया और इस केस से जुड़े सभी आरोपियों को निर्दोष ठहराया गया और उन्हें जेल से रिहा कर दिया। उनकी रिहाई के बाद केरल की सरकार ने उनकी जाँच एक बार और करने की अपील की परन्तु भारत के सर्वोच्च कोर्ट ने उनकी इस जाँच करने की अपील को ख़ारिज कर दिया।
Nambi Narayanan Biographical Book कहा मिलेगा?
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इस प्रकार यह रही हमारे नंबी नारायणन सर के जीवनी जो की हमने आपको पुरे विस्तार से इस लेख में बताया हैं, उम्मीद है की आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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अंतिम कुछ शब्द – नंबी नारायणन का जीवन परिचय
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FAQ’s
Q-नंबी नारायणन जी का जन्म कहा हुआ?
Ans- नागरोकोइल में।
Q-नंबी नारायणन की नेटवर्थ कितनी हैं?
Ans- 1.3 करोड़ रुपए की।
Q-नंबी नारायणन की पत्नी का क्या नाम हैं?
Ans- मीना नारायणन हैं।
Q-क्या नंबी नारायणन जी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया हैं?
Ans- जी हाँ, नंबी सर को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया हैं।
Q-नंबी नारायणन पर भारत में जासूसी के आरोप कब लगे थे?
Ans- वर्ष 1997