सुश्री और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया जाता है?

सुश्री किसके नाम के आगे लगाना चाहिए नाम के आगे श्री क्यों लगाया जाता है
Spread the love

सुश्री और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया जाता है – सुश्री किसके नाम के आगे लगाना चाहिए? आमतौर पर अविवाहित महिलाओं के नाम के साथ सुश्री लगाया जाता है | लेकिन क्या सुश्री कुवारी महिलाओं के नाम के साथ ही लगाया जा सकता है, विवाहिताओं के नाम के आगे नही? श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किनके लिए किया जाता है तथा सुश्री शब्द का इस्तेमाल किनके लिए किया जाता है आज के इस लेख मे हम सब यही जानने वाले है | अंग्रेजी वर्ड MRS, Miss, MS, MR इन वर्ड का इस्तेमाल कहा पर किया जाता है किनके नाम के लिए इन वर्ड का उपयोग करना चाहिए | इन वर्ड का मतलब भी हम सब विस्तार से जानने वाले हैं | नाम के आगे श्री क्यों लगाया जाता है?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

सुश्री किसके नाम के लिए उपयोग करना चाहिए ?

सुश्री किसके नाम के आगे लगाना चाहिए?

सुश्री का प्रयोगजैसे की लोगो का आम धारणा है, सुश्री शब्द का इस्तेमाल अविवाहित स्त्रियों के नाम के आगे लगाया जाता है जबकि सच यह है की सुश्री किसी भी स्त्री के आगे लगाया जा सकता हैं | सुश्री शब्द का इस्तेमाल खासकर लोग अविवाहित महिलाओं के लिए इस्तेमाल करते हैं, और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल विवाहित महिलाओ के लिए |



सुश्री और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया जाता है?

दरअसल हिंदी में शादीशुदा स्त्री के नाम के आगे ‘श्रीमती’ और अविवाहित स्त्री के नाम के आगे ‘कुमारी’ लगाने का रिवाज था और अभी भी हैं | सुश्री लिखने का प्रचलन अंग्रेजी शब्द MS (उच्चारण मिज) से प्रेरित लगता है| अंग्रेजी में विवाहित स्त्रियों के लिए मिसिज और अविवाहित स्त्री के लिए Miss (मिस) लिखा जाता था मगर यदि आपको किसी स्त्री की वैवाहिक स्थिति मालूम न हो तो उसे कैसे आप संबोधित करेंगे? यह एक बहुत बड़ी समस्या थी | इसके लिए रास्ता यह निकला गया की Mistress के लिए जो शोर्ट फॉर्म था – MS, उसे इस्तेमाल किया जाये |

अंग्रेजी शब्द मिस, मिसिज, मिस्टर का इतिहास

MS (मिज) का इस्तेमाल 17वी शताब्दी में सभी स्त्रियों के लिए होता था जैसे MR  (मिस्टर) का इस्तेमाल सभी पुरुषों के लिए होता था चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं | लेकिन बाद की सदियों में इसका प्रचलन रुक गया | 20वी सदी की शुरुवात में इसका फुर से थोडा-बहुत इस्तेमाल होना शुरू हुआ लेकिन इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नारीवादी आन्दोलन के साथ ही हुआ जब महिलाए कहने लगीं की जब पुरुष के नाम के आगे ऐसे कोई अलग-अलग शब्द नही लगाये जाते जिससे पता चले की वे विवाहित है या अविवाहित तो स्त्रियों के लिए Miss (मिस) या MRS  (मिसिज) क्यों हो | उनके लिए भी कोई एक शब्द होना चाहिए |

जब विदेश में MS (मिज) का प्रचलन बढ़ा तो हिंदी मिं उसके समकक्ष शब्द की तलाश हुई और शुश्री को इसके लिए उपयुक्त पाया गया क्यूंकि इसका अर्थ था – सम्मानित स्त्रियों के नाम के आगे लगाया जानेवाला शब्द | सुश्री संस्कृत का शब्द है | देखे निचे दिए गये बाये सुश्री से सम्बंधित एंट्री का चित्र | यह हिंदी शब्दसागर से है जिसका प्रकासन नागरी प्रचारिणी सभा ने किया था |



सुश्री तथा श्रीमती का शाब्दिक अर्थ

लेकीन बहुत कम लोगो को इसका वास्तविक अर्थ पता था | उसपर कुछ नए कोशकारों ने भी अपने शब्दकोष मे इसका अविवाहित वाला अर्थ डालकर लोगों को और भरमाया (निचे चित्र में देखें राजपाल प्रकाशन के शब्दकोष में सम्बंधित एंट्री का चित्र) | इस कारन जायदातर लोग इसका यही अर्थ समझते हैं की विवाहित स्त्रियों के नाम के आगे ‘श्रीमती’ लगाना है और कुमारी स्त्रियों के नाम के आगे ‘सुश्री’ | सो आप अखबारों और वेबसाइटो पर लिखा हुआ देख सकते हैं |

सुश्री मायावती, सुश्री उमा भारती, सुश्री ममता बनर्जी आदि | इन सबके नाम के आगे सुश्री लिखना गलत नही है लेकिन यह शब्द सुश्री का इस्तेमाल आप सुषमा स्वराज और सोनिया गाँधी के नाम के आगे भी सुश्री लगा सकते हैं|

सुश्री और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया जाता है?
सुश्री और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया जाता है?

उम्मीद है, अब आप यह समझ चुके है की सुश्री शब्द किनके नाम के आगे लगाना चाहिए और श्रीमती शब्द का इस्तेमाल किनके नाम के आगे लगाया जाता हैं | सुश्री  इसका इस्तेमाल सभी स्त्रियों के लिए किया जाता हैं | लेकिन एक समस्या आ सकती है | वह यह की आप तो यह समझकर किसी के नाम के आगे सुश्री लगाए की यह सभी स्त्रियों के नाम के आगे लगाया जा सकता है मगर पढने वाले की जानकारी यह हो की वह केवल अविवाहित स्त्रियों के नाम के आगे लगाता है | 

ऐसे में लेखक और पाठक के बिच ग़लत सम्प्रेषण हो सकता है और वह शादीशुदा स्त्री को अविवाहित समझ सकता है | तब क्या करें? क्या इसका उपाय यह है की हम हिंदी में सुश्री शब्द का अविवाहित वाला अर्थ मान ले भले ही संस्कृत में इसका अलग अर्थ हो?



नाम के आगे श्री क्यों लगाया जाता है?

नाम के आगे श्री (पुरुष के लिए) और श्रीमती (स्त्री के लिए) इसलिए लगाया जाता है| क्योकि हम उन्हें इज्ज़त और तमीज दे रहे है| इस तरह के वाक्य का इस्तेमाल अक्सर खुद से बड़े और उच्चे पदों के लोगो के लिए किया करते हैं जिन्हें हम इज्ज़त व तमीज से पुकारते हैं | श्री इसका मतलब होता हैं धन और समृधि | जैसे अंग्रेजी में हम सब रेस्पेक्टेड (Respected) लगाकर नाम को लिखा या पुकारा जता है |
वैसे ही हिंदी मे श्री  और श्रीमती का प्रयोग किया जाता है | अंग्रेजी में अपने से छोटे को या अपने मित्रों को पत्र लिखने या प्यार जताने के लिए डिअर (Dear) का प्रयोग होता हैं, ठीक उसी प्रकार भारत में अपने से छोटे के लिए प्रिये का इस्तेमाल किया जाता हैं | नाम के आगे श्री क्यों लगाया जाता है?

नाम से पहले श्री क्यों लगाते हैं?

नाम से पहले श्री क्यों लगाते हैं – किसी भी व्यक्ति के सम्मान के लिए या उसका आदर करने के लिए हम नाम के आगे श्री लगाते हैं | जैसे हम विद्यालय में प्राचार्य महोदय प्राथना पत्र लिखते हैं, तो श्रीमान प्राचार्य महोदय का प्रयोग करते हैं |




अगर किसी व्यक्ति को पुकारना हो या बुँलाना हो तो हम आदर से श्री मान शब्द का इस्तेमाल करते हैं| जैसे श्रीमान पिंटू शर्मा जी, श्री मान राहुल जी ऐसे पुकारने पर लोगो का मन आपके तरफ बहुत जल्द आकर्षित होता हैं | श्री शब्द का इस्तेमाल किसी व्यक्ति को आदर-सम्मान के लिए इनका उपयोग किया जाता हैं | 

Also Read

दोस्तों अब आप यह भी जान गये हैं की नाम से पहले श्री क्यों लगाते हैं, नाम के आगे श्री क्यों लगाते हैं| आपको यह लेख पसंद आया हो तो आप इसे शेयर कीजिये और हमें आप सोशल मीडिया पर फॉलो भी कर सकते हैं | धन्यवाद ;

Telegram Facebook
YouTube Instagram

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Scroll to Top