प्रथम विश्वयुद्ध कब और क्यों हुआ था (First World War in Hindi) – प्रथम विश्वयुद्ध का मुख्य कारण क्या हैं? प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत कब हुई थी? प्रथम विश्वयुद्ध में कितने देश शामिल हुए थे? प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत का वायसराय कौन था? प्रथम विश्वयुद्ध क्यों हुआ था?
अगर आप सभी भी प्रथम विश्वयुद्ध कब और क्यों हुआ था तथा कितने देश इसमें सामिल थे इसका मुख्य कारन क्या था और First World War in Hindi इस आर्टिकल के माध्यम से इस इतिहास के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रथम विश्वयुद्ध कब और क्यों हुआ था (First World War in Hindi)
प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत कब हुई थी? – प्रथम विश्वयुद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था। इस युद्ध का मुख्य कारण था यूरोप में राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विवादों की अधिकता थी। जैसे जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी संघ के बीच विभिन्न समस्याओं के बाद, जर्मनी ने सर्बिया को आक्रमण करने के बाद सबसे पहले घोषणा की थी।
यह युद्ध दुनिया भर में कई देशों के बीच हुआ था। जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी संघ और इटली के बीच तीनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। बाद में रूस और फ्रांस भी शामिल हुए। इसके अलावा, अमेरिका भी 1917 में इस युद्ध में शामिल हुए।
प्रथम विश्वयुद्ध में लाखों लोगों की मौत हुई थी और यह एक ऐतिहासिक घटना थी जो दुनिया के इतिहास को पूर्णता से बदल देने वाली थी।
प्रथम विश्व युद्ध क्यों हुआ (Why Did The First World War Happen)
प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत कब हुई थी? – प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक दुनिया भर में लगभग 70 देशों के बीच लड़े गए एक महायुद्ध था। इस युद्ध की वैश्विक महत्ता थी और इसके कई कारण थे।
इसके मुख्य कारणों में से एक था यूरोप में विभिन्न राजनैतिक विवादों एवं द्वंद्वों के प्रबल होना जो दो शक्तियों के बीच टकराव को बढ़ाते गए। जर्मनी के उदय के बाद यूरोप में साम्राज्यवादी दावों और तनाव के कारण इस परिस्थिति ने अधिकतम स्तर तक पहुँचा। यह विवाद उत्तेजना भरा था, जो यूरोप भर में राजनैतिक समूचे को विभाजित कर देता था।
इसके अलावा, उद्योगीकरण की प्रक्रिया के चलते यूरोप में अर्थव्यवस्थाएं बदल रही थीं जिससे जर्मनी जैसे देशों की शक्ति बढ़ती जा रही थी। यूरोप के विभिन्न देशों के बीच बढ़ते आर्थिक द्वंद्व ने भी इस युद्ध के होने का कारण बना।
प्रथम विश्वयुद्ध का मुख्य कारण क्या हैं (What are the main causes of the First World War)
प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1918) का मुख्य कारण विभिन्न तत्वों का समावेश था, जो समूचे दुनिया को एक साथ ले जाने वाली संकट की दिशा में घुमाया था।
इस युद्ध का मुख्य कारण उन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक बदलावों में से था जो उस समय हो रहे थे। इनमें शामिल थे राष्ट्रीयता, आधुनिकीकरण, राजनीतिक घमासान, आर्थिक आंदोलन, औद्योगिकरण, विदेशी नीति और सेनाओं के ताकत एवं प्रौद्योगिकी का विकास।
इसके अलावा, यूरोप के देशों के बीच राजनैतिक और सामरिक संघर्ष था, जिसमें उनके बीच दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों और सीमा क्षेत्रों पर विस्तारवादी विवाद थे। इससे भी उत्पन्न हुए कुछ विसंगतियों और संघर्षों ने इस युद्ध की शुरुआत की थी।
अंततः, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलावों ने उस समय उत्पन्न की थी जो युद्ध के प्रकोप को बढ़ावा देने वाली घटनाओं की श्रृंखला को जन्म दी।
प्रथम विश्वयुद्ध का मुख्य कारण क्या हैं (What are the main causes of the First World War)
प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण विश्व इतिहास की एक अति महत्वपूर्ण घटना है। यह युद्ध 20वीं शताब्दी की सबसे बड़ी और सबसे उथल-पुथल युद्ध था, जिसने लाखों लोगों की जान ली और दुनिया के भूगोल तथा राजनीतिक तथ्यों में कुछ अहम बदलावों को उत्पन्न किया।
इस युद्ध का मुख्य कारण विभिन्न तत्वों का समावेश था। इसके अलावा, कुछ विशेष कारक भी इसकी शुरुआत को बढ़ावा देते थे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं:
- नेशनलिज्म: 19वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय हुआ था, जिसने अनेक राष्ट्रों को उनकी स्वाधीनता और आत्म-सम्मान की तलाश में एकत्रित किया। इससे भी युद्ध की शुरुआत हुई।
- मिलिटरी रेस: 19वीं शताब्दी के आखिरी दशक में, यूरोप के राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों ने देशों को अपनी संरचनाएं एवं सेना के बारे में सोचने पर मजबूर किया।
- इम्पीरियलिज्म: उत्पन्न हुए ईंटों, स्टील और पेट्रोलियम जैसे उत्पादों के कारण, यूरोप के देशों की आर्थिक ताकत बढ़ी थी। उन्होंने विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपने आक्रमणकारी नीतियों को फैलाने का प्रयास किया, जिससे उनकी शक्ति और विस्तार बढ़े। इससे भी युद्ध के शुरुआती दिनों में उन्हें बढ़ती दिखाई दी।
- आर्थिक संकट: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, अमेरिका ने ईंटों, अंतरिक्ष और तंबाकू आदि की विस्तृत आपूर्ति और सब्सिडी के साथ यूरोपीय देशों की मदद की। इससे उत्पन्न हुए आर्थिक असंतुलन ने युद्ध को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया।
- शक्तियों के ठहराव: युद्ध के शुरुआती दिनों में, यूरोपीय देशों की व्यापक समृद्धि एवं उनकी शक्ति की सीमाएं निश्चित नहीं थीं
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत का वायसराय कौन था?
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, भारत का वायसराय लार्ड हार्डिंग था। वह 1910 से 1916 तक भारत के वायसराय के रूप में कार्य कर रहा था। उनके कार्यकाल के दौरान भारत में मोरल एवं नैतिकता के मामले में सुधार के लिए कुछ कदम उठाए गए थे, लेकिन उनके कार्यकाल के अंतिम दिनों में अनेक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हो गई थी।
लार्ड हार्डिंग भारत में व्यापक रूप से संस्कृति एवं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कुछ कदम उठाने का प्रयास किया था।
वह भारत में नई और पुरानी विद्यालयों के स्थापना को समर्थन देता था और नई तकनीक के आधार पर भारतीय तथा पश्चिमी शिक्षा की मिश्रण विद्यालयों की शुरुआत करवाई थी।
लार्ड हार्डिंग के कार्यकाल में भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शोध को बढ़ावा दिया गया था। उन्होंने भारत में पहली बार विज्ञान के क्षेत्र में अन्वेषण के लिए तंत्रज्ञान शाखा की स्थापना की थी।
लार्ड हार्डिंग के कार्यकाल के दौरान भारत में तथा विदेशों में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई थीं, जैसे जलियांवाला बाग हत्याकांड, असहिष्णुता के खिलाफ विदेशों में आवाज बुलंद करने वाली भारतीयों की देश वापसी आदि।
First World War in Hindi
प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1918) दुनिया के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने दुनिया को पूर्णता से बदल दिया। इस युद्ध का मुख्य कारण था यूरोप में राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विवादों की अधिकता थी। जैसे जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी संघ के बीच विभिन्न समस्याओं के बाद, जर्मनी ने सर्बिया को आक्रमण करने के बाद सबसे पहले घोषणा की थी।
यूरोप में इस दौरान कई राज्य थे, जिनमें राजनैतिक और सामाजिक उतार-चढ़ाव हो रहा था। इटली भी इस समय अपने आक्रमण की तलाश में था। जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी संघ और इटली के बीच तीनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। बाद में रूस और फ्रांस भी शामिल हुए। इसके अलावा, अमेरिका भी 1917 में इस युद्ध में शामिल हुए।
प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम
प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण था यूरोप के राजनैतिक संरचनाओं एवं अधिकारों पर नजर रखते हुए संघर्ष। इसके अलावा, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं, साम्राज्यवाद, जातीय विभाजन और सांस्कृतिक विभेद आदि भी इस युद्ध के कारणों में शामिल थे।
इसके परिणाम स्पष्ट रूप से दुर्भाग्यपूर्ण थे। इस युद्ध में लगभग 17 करोड़ लोगों की मौत हुई थी और कई देशों के इकोनोमी नष्ट हो गई थी।
इस युद्ध ने दुनिया को एक नई तकनीकी युद्ध विधि, जैसे टैंक, विमान, और केमिकल हथियार जैसी नई तकनीक का परिचय कराया। इसके अलावा, इस युद्ध ने दुनिया के राजनैतिक व्यवस्था में बड़े बदलावों को जन्म दिया, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था जर्मन साम्राज्य के अंत होना और यूरोप की अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक राजनीति की स्थापना। यह युद्ध ब्रिटिश साम्राज्य को भी नुकसान पहुंचाया, जिससे ब्रिटिश इंपीर का संकट शुरू हो गया।
निष्कर्ष
प्रथम विश्व युद्ध ने दुनिया को एक दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम दिया था। इस युद्ध के कारण लगभग 17 करोड़ लोगों की मौत हुई थी और विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा था। इस युद्ध के परिणाम स्पष्ट रूप से दुर्भाग्यपूर्ण थे।
लेकिन इस युद्ध ने दुनिया को एक नई तकनीकी युद्ध विधि का परिचय कराया और इसने दुनिया के राजनैतिक व्यवस्था में बड़े बदलावों को जन्म दिया, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था जर्मन साम्राज्य के अंत होना और यूरोप की अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक राजनीति की स्थापना। इसके अलावा, इस युद्ध ने ब्रिटिश साम्राज्य को भी नुकसान पहुंचाया, जिससे ब्रिटिश इंपीर का संकट शुरू हो गया।
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